यह विशेष रूप से महिलाओं में ज्यादा देखा गया है, खासकर उन महिलाओं में जो फाइब्रोमायल्जिया नाम की स्थिति से जूझ रही हैं। यह शोध हाल ही में ‘फ्रंटियर्स इन पेन रिसर्च’ नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।